महिलांओं का रक्षण सिर्फ कानून के द्वारा नही तो महिलांओं के आध्यात्मिक सशक्तिकरण के द्वारा संभव
( महिला स्नेहमिलन मे संगीताबहनजीं का प्रतिपादन)
बार्शी दि 8 मार्च
‘नारी मे अनेक गुण एवं शक्तीया छिपी हुई है / जरूरत है नारीने उन को जागृत करने की / आज केवल कानून के द्वारा नारी का रक्षण नही हो रहा है यह समाज की भयानक वास्तवता हम देख रहे है/ . नारीने स्वयं के अंदर छिपे हुए गुण व शक्ती को जागृत कर स्वयं का आध्यात्मिक सशक्तिकरण किया तो नारी के द्वारा ही अंबा , दुर्गा , काली सरस्वती, लक्ष्मी इन देवीयो का साक्षात्कार होंगा/ तब देवी स्वरूपा नारी के तरफ बुरी नजर से देखने का दु:साहस कोई भी नही करेंगा / नारी शिव की शक्ति है/ . स्यं: शिव परमात्मा ने फिर से नारी को उस का श्रेष्ठत्व दिलाने के लिये प्रजापिता ब्राहमाकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की स्थापना की है / .
इस विश्व विद्यालय की विद्यमान प्रशासिका दादी जानकी 103 साल उम्र की है / . उपस्थित महिलओ को विद्यालय को भेट देकर
जो राजयोग की विधी स्वयं परमात्मा सिखा रहे है वह सिखने का आवाहन करते हुए बहनजी ने कहा राजयोग आध्यात्मिक सशक्तीकरण का प्रभावशाली माध्यम है. ‘
इस कार्यक्रम को लक्ष्मीबाई केळकर पतसंस्था की अध्यक्षा सावित्री हालमे, आधार प्रतिष्ठान व लिटल स्टार इंग्लिश मिडियम की संस्थापिका प्रमीला मठपती, एस. टी महिला वाहक संघटना सोलापूर विभाग की उपाध्यक्षा उमा पवार , अँडव्होकेट राजश्री तलवाड डॉ. स्नेहल माढेकर, डॉक्टर लोखंडे सुपर बाजार की संचालिका शुभांगी पाटील , सरस्वती विद्यालय की प्रधानाचार्या प्रभा बेणे, महिला पोलिस प्राजक्ता देशपांडे आदि महिला मान्यवर अतिथि रूप से उपस्थित थे/
प्रथमत: सभी मान्यवरो के शुभकर कमलोंदवारा दिपप्रज्वलन किया गया/
उपस्थित महिला मान्यवरोंने भी ही क्रोध व अहंकार पर नियंत्रण पाने के लिये ब्रह्माकुमारी विद्यालय मे सिखाया जानेवाला
राजयोग का अभ्यास करना यह समय की पुकार है ऐसा मनोगत व्यक्त किया/ .
इस अवसर पर शिवध्वजारोहण किया गया/ . उपस्थित महिला मान्यवरों का एवं
व चिन्मई सोपल इस गुणवंत विद्यार्थिनी का संगीताबहनजीं के शुभकर कमलोंदवारा यथोचित सन्मान किया गया